रघुनाथ प्रसाद ‘गुस्ताख’ हिन्दी, भोजपुरी और उर्दू भाषाओं के जाने माने कवि थे। बचपन से ही इन्हें कविता लिखने का शौक था। इन्होंने तीनों भाषाओं में काफी कविताएं लिखीं। रिषड़ा के एनएस रोड इलाके में यह एक छोटे से कमरे में रहा करते थे। वर्ष 2023 के अक्तूबर के महीने में तकरीबन 92 वर्ष को आयु में इनका निधन हो गया। इनके परलोक गमन से हिन्दी, भोजपुरी और उर्दू भाषा के कविता प्रेमियों में शोक है। रिषड़ा समाचार की ओर से रिषड़ा के ‘गुस्ताख’ को श्रद्धांजलि।

क्रिकेट खिलाड़ी
करते हैं दर्शकों को बहुत ‘बोर’ खिलाड़ी ।
फिर भी है ये दावा कि सहजोर खिलाड़ी ॥
हर टीम’ चराती है इन्हें बैट’ के हाथों ।
आते हैं नजर ‘फील्ड’ में बस, ढोर खिलाड़ी ॥
धन कर बटेर हाथ से उड़ जाती है बाजी ।
गिनते ही ये रह जाते हैं ‘स्कोर’ खिलाड़ी ॥
कब खेलते हैं खेल ये भारत के वास्ते ?
करते हैं ‘कैप्टनी’ के लिये शोर खिलाड़ी ||
अधनंगे हुए, अण्डे बरसते हैं ‘पाक’ में।
फिर भी डटे हैं शान से लतखोर खिलाड़ी |
ना गम है इन्हें देश का ना फिक्र नाक की।
बेशर्म – बेहया हैं, काम चोर खिलाड़ी ॥
बेहतर है इन्हें ‘टीम’ से बाहर खदेड़ना ।
बेचें ये कहीं जा के चना जोर खिलाड़ी ॥
गुस्ताख़ जी नहीं रहे,पर वे अपनी रचनाओं के माध्यम से हमारे बीच रहेंगे। उनका नहीं रहना, रिसड़ा के साहित्य-संस्कृति की दुनिया को क्षति।
गुस्ताख़ जी नहीं रहे,पर वे अपनी रचनाओं के माध्यम से हमारे बीच रहेंगे। प्रभु उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।