हुगली, 25 मई । हुगली जिले के सुर्खीतला घाट पर रविवार को गंगा नदी में डूबने से दो किशोरियों और एक किशोर की मौत हो गई। इसी दिन शेवडाफूली घाट पर एक युवक नहाने के दौरान नदी में डूब गया। पिछले महीने बारह मंदिर घाट पर नहाने के दौरान गंगा नदी में दो किशोर डूब गए थे। इसके अलावा समय-समय पर लोगों के गंगा नदी में डूबने की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनती रहती हैं। सवाल यह उठता है कि इतनी मौतों के बावजूद प्रशासन चुप क्यों रहता है। एक विभाग दूसरे विभाग पर घटना की जिम्मेदारी क्यों सौंप देता है। क्या इन घाटों पर लोगों के सुरक्षा के प्रति किसी की जिम्मेवारी नहीं है?

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रिषड़ा नगरपालिका के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा ने कहा कि यह घाट रिषड़ा और श्रीरामपुर नगरपालिका की सीमा पर पड़ता है। यहां लगातार दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। यह बहुत दु:खद है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए रिषड़ा नगरपालिका की ओर से हर जरूरी कदम उठाया जाएगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
वहीं, श्रीरामपुर नगरपालिका के चेयरमैन ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि घाटों के रख रखाव की जिम्मेवारी नगरपालिका की नहीं, बल्कि पोर्ट ट्रस्ट और सिंचाई विभाग की होती है। बहरहाल, बार-बार गंगा नदी में लोगों के डूबने की घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे मामले का स्थायी समाधान चाहते हैं।
वहीं, श्रीरामपुर सांगठनिक जिला भाजपा की महासचिव शशि सिंह झा ने कहा कि यदि प्रशासन थोड़ा चौकन्ना रहे तो ऐसे हादसे टल सकते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि लोगों को गंगा नदी में उतरते समय सावधान रहना होगा एवं प्रशाशन को भी हरिद्वार और बनारस के घाटों के तर्ज पर घाटों पर एक सुरक्षित दूरी के बाद नदी की घेराबंदी करनी होगी तो समस्या का समाधान हो जाएगा।
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