अयोध्या, 28 दिसंबर: राम नगरी अयोध्या अब अपने पुराने वैभव की ओर लौट रही है। अयोध्या देश के साथ दुनिया के भी आकर्षण का केंद्र हो गई है। मुगल, ब्रिटिश गुलामी काल और फिर आजादी के बाद से लेकर वर्ष 2017 तक उपेक्षित रही अयोध्या के दिन योगी सरकार आने के बाद से ही बदलने लगे।

प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में अयोध्या ने बदलाव के नये प्रतिमान स्थापित किए हैं, जिनकी अब देश व दुनिया में चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के कायाकल्प का जो संकल्प लिया, उसकी शुरुआत फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या करने से की गई। इसके बाद अयोध्या को नगर निगम बनाकर इसके पुनरोद्धार की जिस अद्भुत पहल की शुरुआत हुई वो फिलहाल 30 हजार करोड़ से भी अधिक की परियोजनाओं के तेज गति से मूर्तरूप लेने की महान गाथा बन चुकी है। झूलते-लटकते बिजली के जर्जर तार अब पुराने दिनों की बात हो गई। वर्ष 2017 के पहले जिस अयोध्या को मुकम्मल बिजली भी नहीं दी जाती थी आज वहां 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो रही है. सिर्फ इतना ही नहीं सूर्यवंश के राजा श्रीराम की नगरी को सोलर सिटी बनाने का संकल्प भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या का संपूर्ण विकास हो रहा है। यहां लगभग ₹30 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें से अब तक ₹4115.56 करोड़ की 50 से अधिक परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। ₹1462.97 करोड़ की लागत से बने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा व ₹241 करोड़ से अयोध्या धाम स्टेशन फेज-1 का विकास कार्य उन प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है, जिनका लोकार्पण पीएम के दौरे पर प्रस्तावित है। अखिलेश सरकार में यहां चिकित्सा व्यवस्था को खुद इलाज की जरूरत थी, लेकिन योगीराज में यहां राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का 245.64 करोड़ से निर्माण हुआ। नयाघाट पर लता मंगेशकर चौक 75.26 करोड़ से नई आभा के साथ चमक रहा है। राम की पैड़ी पर लाइट एंड साउंड का कार्य 2372.10 लाख से हुआ. राम की पैड़ी के घाट का विस्तार तो हुआ ही, पानी के फ्लो को भी अनवरत किया गया।
