कोलकाता, 16 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत आज का एक बार फिर खारिज कर दी गई है। गुरुवार को अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने दलील दी की इस समय उन्हें जमानत पर रिहा करने से सबूत नष्ट हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2022 में ईडी ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। उन्हें पिछले अक्टूबर में प्राथमिक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया था। प्राथमिक भर्ती भ्रष्टाचार से संबंधित ईडी मामले में पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी गई है। हालाँकि, सीबीआई मामले में जमानत आवेदन बार-बार खारिज कर दिए गए। इस मामले की अंतिम सुनवाई 3 अप्रैल को हुई थी। इस मामले में फैसला 11 अप्रैल को सुनाया जाना था। हालांकि, उस दिन जज अनुपस्थित थे। फिर मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई। पार्थ ने शारीरिक बीमारी का हवाला देते हुए जमानत के लिए आवेदन किया। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
कोर्ट भवन में सीबीआई के मामले में न्यायाधीश ने कहा, “आरोप पत्र समेत सभी साक्ष्यों की जांच की जा चुकी है। पार्थ चटर्जी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। मामला इस समय बहुत महत्वपूर्ण चरण में है। इसलिए इस समय पार्थ को जमानत देना संभव नहीं है।” उल्लेखनीय है कि इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में कुल 11 लोगों के नाम हैं। इनमें से 8 को जमानत मिल गई है। पार्थ चटर्जी सहित शेष तीन अभियुक्त अभी भी जेल में हैं।