हुगली, 22 जून । तृणमूल कांग्रेस के शहीद दिवस की प्रस्तुति सभा के दौरान हुगली जिले के श्रीरामपुर नगरपालिका के 24 नंबर वार्ड के ग्वालापाड़ा इलाके में शनिवार शाम भाजपा, माकपा और कांग्रेस के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस का झंडा थाम लिया।

श्रीरामपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष(पप्पू) सिंह के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी ने नवागतों को पार्टी का झंडा देकर स्वागत किया।
इस मौके पर श्रीरामपुर के विधायक डा सुदीप्तो राय, श्रीरामपुर नगरपालिका के चेयरमैन गिरधारी साहा, रिषड़ा नगरपालिका के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा, वाइस चेयरमैन जाहिद हसन खान, श्रीरामपुर नगरपालिका की सीआईसी तीयशा मुखर्जी, स्थानीय पार्षद अकबर अली समेत बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
श्रीरामपुर के विधायक डॉ सुदीप्तो राय ने माकपा शासन के दौरान हुए अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के हाथ में सत्ता आने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रीरामपुर के काफी विकास हुआ है। उन्होंने लोगों से बड़ी संख्या में 21 जुलाई को कोलकाता में शहीद दिवस की सभा में शामिल होने की अपील की।

वहीं, सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहलगाम में चार आतंकी आए और हमारे लोगों को मारकर चले गए। तृणमूल सांसद ने पूछा कि सरकार की सुरक्षा एजेंसियां उस समय क्या कर रही थीं। इसके अलावा कल्याण बनर्जी ने पाकिस्तान के साथ हुए सीज फायर पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जा किए बगैर सीज फायर की घोषणा सरकार ने क्यों की।
पाकिस्तान के साथ हुए सीज फायर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बारे में तृणमूल सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्रंप द्वारा अमेरिका की मध्यस्थता के कारण भारत पाकिस्तान के बीच हुए सीज फायर के दावों का अभी तक आधिकारिक रूप से खंडन क्यों नहीं किया।
कल्याण बनर्जी ने अंग्रेजी भाषा पर हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान की भी आलोचना की। इसके साथ ही महिलाओं से अपने पैर पर खड़ा होने की अपील करते हुए तृणमूल सांसद ने 21 जुलाई को कोलकाता में आयोजित होने वाले शहीद दिवस की सभा को सफल बनाने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1993 में 21 जुलाई को ममता बनर्जी के राइटर्स बिल्डिंग अभियान के दौरान तत्कालीन माकपा सरकार ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी करवाई थी जिसमें 13 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष तृणमूल कांग्रेस कोलकाता के धर्मातला में 21 जुलाई को शहीद दिवस का आयोजन करती है।