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मेरे हिस्से की रात रहने दो

रात को थोडी और लंबी होने दो,
अंधेरा और घना होने दो,
चाँद से कह दो आज ना आये,
यहाँ पे चाँदनी न बिखराये,
हम जी लेंगे,कुछ सितारों संग,
अपलक देखता ध्रुव तारे संग,
सात ऋषियों का संग पाने को,
जमीं के महफूज नहीं जो ध्रुव दोनो,
उनको आज से मिलाने को।

रौशनी कम करो,
चुधियाँ गई हैं आँखें भी,
रात को कुछ और लंबी होने दो,
आज तक मिल न सका,
सूरज हमारे हिस्से का,
इस रात,
इन तारों,
को,
साथ रहने दो।
