हुगली, 26 जून । हुगली के पांडुआ में दिघिरपार के पास तेतरपार इलाके में एक शिक्षक पिता की आपत्ति के बाद स्वास्थ्यकर्मी उनके बच्चे का टीकाकरण किए बगैर ही लौट गए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार पिता शिवायन मुर्मू पेशे से स्कूल शिक्षक हैं। फिर भी उन्हें अपने बच्चे को पोलियो और हेपेटाइटिस के टीके लगाने पर सख्त आपत्ति है। बच्चा एक साल का हो चुका है लेकिन उसे अभी तक कोई टीका या मारक नहीं दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार अपराह्न ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि बच्चे के घर गए थे लेकिन परिवार के सदस्यों ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया।
घर पर नोटिस चिपकाने के बाद सरकारी अधिकारी लौट गए। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि परिवार के सदस्यों ने किसी अंध विश्वास के कारण बच्चे को टीका लगाने से मना कर दिया होगा।
उल्लेखनीय है कि जन्म के बाद बच्चे को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने के लिए अब एंटीडोट्स और टीके लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सालाना करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद टीकाकरण के प्रति एक शिक्षक का यह नकारात्मक रवैया देखकर स्वास्थ्य अधिकारी हैरान हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार पांडुआ के तेतरपार इलाके के निवासी शिवायन मुर्मू और उनकी पत्नी इशिता ने अपने एक साल के बच्चे को अभी तक कोई टीका या एंटीडोट्स नहीं लगवाया है। शिवायन बर्दवान के एक स्कूल में पढ़ाते हैं।
स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों ने कई बार घर जाकर बच्चे के माता-पिता को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपने बच्चे के टीकाकरण को राजी नहीं हुए। खबर मिलते ही डब्ल्यूएचओ सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर प्रणय दत्ता और फील्ड मॉनिटरिंग ऑफिसर शेख सोलेमन, पांड्या ब्लॉक बीडीओ सेबंती विश्वास, ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी शेख मंजूर आलम समेत स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी दंपती के घर पहुंचे। उनके साथ पांडुआ ग्राम पंचायत की प्रधान बैशाखी सरकार, पांडुआ पंचायत समिति सदस्य बिराज चौधरी और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि भी थे। घर के बाहर कुछ देर इंतजार करने के बाद दरवाजा नहीं खुलने पर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। उन्हें गुरुवार को बच्चे के साथ लेकर ब्लॉक स्वास्थ्य विभाग या बीडीओ कार्यालय से संपर्क करने को कहा गया है।
पांडुआ ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी शेख मनजुर आलम ने कहा, “अगर बच्चे को पोलियो का टीका या एंटीडोट नहीं मिला तो न केवल बच्चे को भविष्य में परेशानी होगी, बल्कि अन्य बच्चों में भी संक्रमण फैलने की आशंका है। परिवार के सदस्यों को समझाने के लिए ब्लॉक स्वास्थ्य विभाग के लोग बच्चे के घर गए थे लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।” उन्होंने कहा कि घर में ऐसे दो और बच्चे हैं। मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी। उसके अनुसार अगला कदम तय किया जाएगा।”