कोलकाता, 08 जनवरी: सोमवार को कोलकाता के धनधान्य सभागार से राज्य की मुख्यमंत्री ने संदेशखाली में ईडी और केंद्रीय बलों पर हुए हमले के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे कोलकाता हाई कोर्ट के जज अभिजीत गांगुली एवं राज्य के राज्यपाल सवी आनंद बोस को जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई बंगाल को बदनाम करना चाहता है तो उन्हें कड़ी आपत्ति है।
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दरअसल संदेशखाली की घटना के बाद कोलकाता उच्च न्यायालय के जज अभिजीत गंगोपाध्याय एवं राज्य के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था। इस दिन धनधान्य सभाघर में एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, ”अगर कोई मुझे गाली देता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर बंगाल को बुरा कहा जाता है, तो मुझे इससे नफरत है। बंगाल को बदनाम मत करो”।

ममता बनर्जी ने कहा, ”कई लोग कहते हैं कि बंगाल में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। अगर ऐसा है तो श्रीरामपुर पुलिस स्टेशन देश के शीर्ष तीन पुलिस स्टेशनों में से एक क्यों है? केंद्र सरकार की रिपोर्ट क्यों कहती है कि कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर है!” संदेशखाली में शाहजहां शेख के घर पर ईडी के दौरे की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष जवाबी हमला कर रहा है।
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पार्टी नेताओं के प्रवक्ताओं का कहना है कि केंद्रीय एजेंसी चुन-चुनकर राजनीतिक एजेंडे के साथ तृणमूल नेताओं के घर जा रही है। प्रेस को पहले से सूचित किया जा रहा है। यह तृणमूल और पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।’ तृणमूल ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे डिजाइन में संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति भी शामिल है।
इसके अलावा कुणाल घोष-कल्याण बनर्जी ने भी जस्टिस गंगोपाध्याय की टिप्पणियों की आलोचना की है। कई पर्यवेक्षकों के मुताबिक आज के दिन ममता बनर्जी ये संदेश भी देना चाहती थीं कि बंगाल को बदनाम करने की सुनियोजित कोशिश की जा रही है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि मछली को सब्जियों से ढकने की कोशिश से कोई फायदा नहीं है। यह अच्छी बात है कि श्रीरामपुर देश का सर्वश्रेष्ठ थाना बन गया है। लेकिन हकीकत यह है कि राज्य में कानून का राज नहीं है, यहां चोरों का बोलबाला है।
