कोलकाता, 8 अप्रैल । मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। उनका काम लोगों तक सच्ची, निष्पक्ष खबरें पहुंचाना है। उस कर्तव्य का पालन करते समय, एक अखिल भारतीय मीडिया चैनल के पत्रकार पर पुलिस (कोलकाता पुलिस) द्वारा कथित हमला किया गया। राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर घटना का वीडियो शेयर कर कड़ा विरोध जताया है। भाजपा विधायक ने लिखा, “यहां तक कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया भी भ्रष्ट पुलिस के प्रकोप से नहीं बच पाया है।”
वीडियो में एक पुलिसकर्मी सौरभ दत्त नामक पत्रकार का कॉलर पकड़े हुए नजर आ रहा है। नंदीग्राम से भाजपा विधायक ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस के एसीपी अभिजीत समद्दार ने पत्रकार का कॉलर पकड़ लिया था।
शुभेंदु अधिकारी ने लिखा, ‘पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है, कोलकाता प्रेस क्लब गहरी नींद में है, बड़े समाचार संस्थाओं के मालिक उदासीन हैं!’ कल भाजपा युवा मोर्चा ने नौकरी चोरी के खिलाफ ‘कालीघाट चलो’ का आह्वान किया था, जहां पूरे बंगाल के लोगों ने देखा कि कैसे ममता पुलिस ने हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कुख्यात अपराधियों की तरह व्यवहार किया और युवा मोर्चा के आंदोलन को तितर-बितर करने के लिए उन्हें जेल वैन में घसीटा।
भाजपा विधायक ने दावा किया कि पुलिस के इस ‘क्रोध’ से मीडिया प्रतिनिधि भी नहीं बचे। उन्होंने लिखा, “यहां तक कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया भी भ्रष्ट पुलिस के प्रकोप से नहीं बच पाया है।” इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे कोलकाता पुलिस के एसीपी अभिजीत समद्दार ने एक राष्ट्रीय निजी चैनल के पत्रकार सौरभ दत्ता को पीछे से कॉलर से पकड़ लिया। सौरभ जैसे पत्रकार सिर्फ अपना काम कर रहे थे, समाचार इकट्ठा कर रहे थे। “पत्रकार ऐसा करेंगे क्योंकि यह उनका काम है, लेकिन दलदास ममता पुलिस अपने मालिक के खिलाफ नकारात्मक खबरों के प्रसार को रोकने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है।”
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि इतना कुछ होने के बावजूद कोलकाता प्रेस क्लब और मीडिया संगठनों के शीर्ष अधिकारी ‘उदासीन’ हैं। उन्होंने लिखा, “कोलकाता प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों के प्रति पुलिस के ऐसे घृणित व्यवहार की निंदा करने वाला कोई बयान नहीं आया है।” बेशक, यह स्वाभाविक है, क्योंकि उक्त नेता और उच्च पदस्थ तथाकथित ‘पत्रकार’ ममता बनर्जी के साथ लंदन की यात्रा पर जाने और बचे-खुचे भोजन को प्राप्त करने के स्वर्णिम अवसर का कर्ज चुकाने में व्यस्त हैं।
शुभेंदु अधिकारी का दावा है कि यह चुप्पी मीडिया मालिकों और तथाकथित ‘पत्रकारों’ द्वारा ‘प्रतिदान’ के रूप में दी जा रही है। भाजपा विधायक ने लिखा, “साथी पत्रकार पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन करने और एकजुटता का संदेश देने के लिए मजबूत रीढ़ की जरूरत होती है।” साथ ही उन्होंने सौरभ जैसे निडर पत्रकारों की प्रशंसा की और पुलिस के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की।