एटा, 30 जुलाई। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में डिजिटल इंडिया को लेकर बड़े -बड़े दावे कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एटा जिले के जालेसर नगर स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बैंक शाखा के हालात ये हैं कि शाखा मे सफेद कागज तक नही हैं। उपभोक्ता आईटीआर भरने के लिए बैंक शाखा में अपने खाते के स्टेटमेंट निकलबाने के कई दिनों से भटक रहे हैं। मगर बैंक शाखा में सफेद कागज न होने की वजह से उपभोक्ताओं को बार बार चक्कर लगाने के बाबजूद स्टेटमेंट उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं। बैंक शाखा में काउंटरों की स्थिति भी बद से बदतर बनी हुई है। शिकायत करने पर शाखा प्रबंधक द्वारा उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण करने की बजाय असंतोषजनक रवैया अपनाया जाता है।

नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कृषि व्यवसायिक शाखा इन दोनों बैंक ग्राहकों के लिए मुसीबत का पर्याय बनी हुई है। आयकर विभाग द्वारा आयकरदाताओ के लिए आईटीआर भरने की लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई निर्धारित की गई है। जिसके चलते सैंकड़ो बैंक उपभोक्ता अपने खाते का स्टेटमेंट निकलबाने के लिए बैंक आते हैं। मगर बैंक में सफेद कागज न होने की कहकर स्टेटमेंट की प्रिंट न निकलने की बैंक सहायक द्वारा ग्राहकों को बोल दिया जाता है। वही बैंक शाखा के बाहर लगी पासबुक प्रिंटर मशीन भी खराब पड़ी हुई है। जिससे पासबुक पर भी एंट्री नही हो पा रही है। ऐसे में बैंक ग्राहको अपना स्टेटमेंट निकाले जाने के लिए काफी भटकना पड़ रहा है।

इस संबंध में जब एक उपभोक्ता द्वारा शाखा प्रबंधक राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने ग्राहक की समस्या कस निस्तारण करने की बजाय हड़का दिया।
शाखा प्रबंधक राजीव रंजन का कहना था कि कागज नही तो मैं क्या करूँ, अपने घर से सफेद कागज लेकर आना था। या फिर नेट बैंकिंग शुरू कराओ शाखा में आने की जरूरत नही पड़ेगी। मेरे पास फ्री में स्टेटमेंट निकलबाने आते हैं। मैं स्टेटमेंट की एक -दो कॉपी हो या अधिक तुम्हारे खाते से 118 रुपये काटूँगा। अबतक 8-10 स्टेटमेंट निकाल चुका हूँ। सभी के खाते से काटूँगा। मजबूरन ग्राहकों को 118 रुपये खाते से कटबाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यदि बैंक की पासबुक एंट्री मशीन सही रहे तो ग्राहकों को खाते से रुपये कटबाने की आवश्यकता नही पड़ेगी।

वही मथुरा जनपद में तैनात क्षेत्र के गांव नगला मीरा के पुलिस कर्मी सहित अन्य कुछ ग्राहकों ने बताया कि कोई लेनदेन हो अथवा अन्य किसी बैंकिंग कार्य को पूरा करने के लिए बैंक में कई घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में बुजुर्ग एवं महिला बैंक ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नहीं एक-दो काउंटर तो नित्य पूरी तरह से खाली पड़े रहते हैं। जिन पर खड़े होकर ग्राहक, साहब का आने का इंतजार करते रहते हैं।

अनुराग कुमार बताते हैं कि एसबीआई की ब्रांच में जाकर कोई बैंकिंग कार्य कराना एक बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। एक छोटे से छोटे कार्य के लिए बैंक में कई घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। भारी भीड़ भाड़ के चलते धक्का मुक्की का भी सामना करना पड़ता है। बैंक कर्मी अपने परिचितों का काम बगैर लाइन में लगे ही कर देते है। जबकि लाइन में खड़े ग्राहकों घण्टो खड़े रहकर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं।

दुग्ध व्यवसायी अमित कुमार का कहना है कि जब से बैंकों को डिजिटल किया गया है तब से ग्राहकों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ गयी है। बैंक के डिजिटल होने के चलते कभी नेटवर्क ना होने की समस्या रहती है तो कभी कुछ और तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ता है।

स्कूल प्रबंधक दुष्यंत कुमार बताते है कि जलेसर नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कृषि व्यवसायिक शाखा सबसे पुरानी एवं सबसे बड़ी शाखा है। इस शाखा में अधिकांश सभी सरकारी तथा बड़े व्यापारी वर्गों के खाते संचालित हैं। परिणामस्वरूप इस शाखा में नित्य लाखों करोड़ों का लेनदेन होता है। फिर भी नये शाखा प्रबंधक का ग्राहकों के प्रति बर्ताब संतोषजनक नही है।