कोलकाता, 21 जुलाई। इक्कीस जुलाई तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए जुनून का दूसरा नाम है। लेकिन 21 जुलाई की सभा में पहुंचे तृणमूल समर्थकों ने रविवार को मीडिया के सामने राज्य सरकार के खिलाफ असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बंगाल के लोगों के हित में चलाए जा रहे विभिन्न परियोजनाओं की बात बार-बार मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के मुंह से सुनी गई हैं। लेकिन उनका क्रियान्वयन राज्य के सभी हिस्सों में सही से नहीं हो रहा है।

सागरदिघी के तृणमूल कार्यकर्ता मतिउर शेख ने कहा कि विधवा भत्ता, वृद्धा भत्ता करीब छह माह से बंद है। तृणमूल कार्यकर्ता ने कहा कि हम बायरन विश्वास के नेतृत्व में आ रहे हैं। हम जैसे कई गरीबों का भत्ता बंद हो गया है। विधवा भत्ता एवं वृद्धा भत्ता सब बंद कर दिया गया है। कई अन्य भत्ते नहीं मिलते। आम लोग शिकायत कर रहे हैं। केवल लक्ष्मी का भण्डार मिल रहा है। हमने सागरदिघी बीडीओ के पास शिकायत दर्ज करायी है। लेकिन, वे कहते हैं सरकार पैसा आवंटित नहीं कर रही है। हमने वहां अपने तृणमूल के नेताओं को बताया है। लेकिन कोई इसके बारे में नहीं सोच रहा है। विधायक बायरन विश्वास भी कुछ नहीं बोल रहे हैं।’

बांकुड़ा से सभा में पहुंचे तृणमूल कार्यकर्ता शेख जोहाद ने भी कहा कि लोगों को भत्ता नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग छह महीने हो गए हैं, लक्ष्मी भंडार के अलावा कोई अन्य भत्ता नहीं मिल रहा है। विधवा भत्ता रोक दिया गया है। विकलांगता भत्ता एवं वृद्धा भत्ता भी अटका हुआ है। हमारे यहां भाजपा का विधायक है। हो सकता है इसलिए हमें भाता नहीं मिल रहा हो।
