कोलकाता, 05 नवंबर(डेस्क): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाला मामले में कोलकाता, हावड़ा समेत राज्य के सात ठिकानों पर गहन तलाशी अभियान चलाया। हावड़ा के अलग-अलग इलाकों में 20 घंटे तक तलाशी और कोलकाता के एजेसी बोस रोड स्थित बहुमंजिला इमारत में 22 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की गई। बनगांव की चावल मिल से 19 घंटे की रेड के बाद सुबह करीब 3 बजे ईडी अधिकारी निकले। ईडी अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि तलाशी अभियान के दौरान क्या दस्तावेज जब्त किए गए हैं। शनिवार को आटा मिल मालिक के आवास, मिल और कार्यालयों पर छापे का अभियान शुरू हुआ जो रविवार तडक़े तक जारी रहा।
ईडी अधिकारियों ने राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी विश्वासपात्र बताए जा रहे कारोबारी के यहां तलाशी अभियान चलाया। आरोप है कि जो आटा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बेचा जाना था, उसे खुले बाजार में प्रीमियम मूल्य पर बेच दिया गया। ईडी के अधिकारियों ने राधाकृष्ण फ्लोर मिल के मालिक मंटू दास से भी पूछताछ की। ईडी को जानकारी मिली कि चोरी के रूप में दिखाए जाने के बजाय जब्त गेहूं को लावारिस बताया गया।
ईडी अब जांच कर रही है कि क्या मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का राशन वितरण मामले में कथित संलिप्तता के अलावा नगर पालिकाओं की भर्ती अनियमितताओं से कोई संबंध था। मामलों के पैटर्न, नगर पालिकाओं की भौगोलिक स्थिति और अनियमितताओं के समय का अध्ययन करने के बाद ईडी को संदेह हुआ। केंद्रीय एजेंसी ने 10 नगर पालिकाओं की पहचान की थी, जहां भर्ती संबंधी अनियमितताएं सबसे ज्यादा थीं। इनमें से सात उत्तर 24 परगना जिले में हैं। ईडी ने पाया है कि ये मामले तब हुए जब मल्लिक मंत्री पद संभालने के अलावा उत्तर 24 परगना जिले के तृणमूल अध्यक्ष थे।