रिषड़ा समाचार विशेष:
हुगली जिले के औद्योगिक उपनगर रिषड़ा के वार्ड नंबर दस में देश के मनीषियों की तस्वीरें बदहाली झेल रही हैं। सड़क से होकर गुजरने वाले हजारों राहगीरों की नजरें रोज देश के इन महान विभूतियों की तस्वीरों पर पड़ती हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि मनीषियों के तस्वीरों की बदहाली को लेकर कोई भी संवेदनशील नहीं हैं।
दरअसल रिषड़ा नगरपालिका के 10 नंबर वार्ड में रिषड़ा स्टेशन के एक नंबर डाउन लाइन से सटे रेलवे की बाउंड्री वॉल पर हालही में पास के रिक्शा स्टैंड वालों ने डा एपीजे अब्दुल कलाम, अमर बलिदानी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मदर टेरेसा, सरदार पटेल सहित देश के कई मनीषियों की तस्वीरें बनवाई थीं। लेकिन कुछ ही महीनों में उन तस्वीरों का हाल बेहाल हो गया है। भगत सिंह, सरदार पटेल, मदर टेरेसा सहित कई मनीषियों की तस्वीरों पर दाग के निशान पड़ गए हैं जो देखने में बेहद भद्दे और अपनजनक लग रहे हैं।
रिषड़ा का यह स्थान रिषड़ा थाने से तकरीबन 150 मीटर की दूरी पर है। पुलिस की कई गाड़ियां रोज कई बार सड़क से होकर गुजरती हैं। रिषड़ा नगरपालिका से भी यह स्थान तकरीबन 300 मीटर की दूरी पर है। नगरपालिका के कई पार्षद रोज इसी सड़क से कई बार गुजरते हैं। खुद को राष्ट्रवादी कहने वाली पार्टी का इस वार्ड में पार्षद है। स्थानीय पार्षद मनोज सिंह भी को भी अक्सर इस क्षेत्र में देखा जाता है। इसके अलावा रिषड़ा स्टेशन से होकर आने-जाने वाले हजारों लोगों की नजर भी रोज इन बदहाल तस्वीरों पर पड़ती है। लेकिन कोई इन्हें ठीक करने या करवाने की पहल नहीं कर रहा है।
तस्वीरों की बदहाली को देखकर यह सवाल जरूर उठता है कि क्या हम रिषड़ावासी अपने देश के क्रांतिकारियों और मनीषियों को लेकर संवेदनशील हैं। सवाल राजनीतिक दलों से भी है कि क्या राजनीतिक मंचों पर भाषणों में ही देश के क्रांतिकारियों और मनीषियों का सम्मान होगा। सवाल प्रशासन पर भी है कि क्या सरकारी दफ्तरों में ही क्रांतिकारियों और मनीषियों की तस्वीरें चमकेंगी।
संपादक
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